रामेश्वरम कालोनी का एक और मामला, बिना अनुमति के ही अनुसूचित वर्ग के लोगों की जमीन की खरीद फरोख्त जारी

रिपोर्ट- मोहित कुमार जौहरी
पीलीभीत।पीलीभीत-आसाम राष्ट्रीय राज मार्ग के किनारे अबैध रूप से विकसित की जा रही रामेश्वरम कालोनी में एक और मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार अविकसित रामेश्वरम कालोनी की गाटा सं0 18 खरीदने हेतु जमीदारी विनाश एव्र भूमि सुधार अधिनियम की धारा 157एए के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। जबकि मा0 उच्च न्यायालय प्रयागराज ने एक आदेश कहा था कि किसी भी जमीन को खरीदने से पहले नियमानुसार पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है भले ही जमीन खरीददार अनूसूचित जाति का ही क्यों न हो। जबकि रामेश्वरम बिल्डर फर्म के पार्टनर यासीन कादरी ने राजस्व विभाग के भृष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से पीलीभीत आसाम राष्ट्रीय मार्ग के किनारे गांव पिपरा भगु परगना तहसील व जिला पीलीभीत स्थित भूमि खसरा 14 एव्र 21 क्षेत्रफल 05750 हे0 खसरा सं0, 15क्षे0 03040,खसरा सं0 16व17 क्षे0 05830 हे0 भूमि के पूर्ण अंश का कृषि भूमि के अंर्तगत बैनामा कराया था। जिसको विना मानचित्र स्वीकृत कराये आवासीय रूप में क्रेताओ को रजिस्टी कर दी गई। सूत्रअनुसार, रामेश्वरम कालोनी में एक और मामला सामने आया है, जिसमें गाटा सं0 18 के कुल रकवा 00280 हे0 कृषि भूमि महेश कुमार , राजकुमार, दीनदयाल, सीताराम और तुलसा देवी के नाम दर्ज खतौनी है जोकि अनुसूचित जाति के संक्रमणीय भूमिधर हैं अनुसूचित जाति के संक्रमणीय भूमिधर उल्लिखित काश्तकारों से जमीन खरीदने हेतु कातिब सरवत उल्ला ने 27 जनवरी 21 को इकरारनामा पंतीकृत कराया और 19 अप्रैल 21 को चपरासी कालोनी निकट आवास विकास कालोनी निवासी पिछड़ी जाति के राजेश कुमार कश्यप की पत्नी मनोज कुमारी के नाम गाटा संख्या 18 के रकवा 125ण्46 बर्गमीटर जमीन का आवासीय भूमि के रूप में काश्तकार से बैनामा कराकर स्टाम्प चोरी सहित जमीदारी विनाश एव भूमि सुधार अघिनियम की घारा 157एएऔर मा0 उच्च न्यायालय प्रयागराज के आदेश की घज्जियां उड़ाने संबधित कई नियमों की अवहेलना रामेश्वरम कालोनी फर्म द्वारा की गई है।रामेश्वरम कालोनी द्वारा लगातार की जा रही अनियमिततओं को देखते हुए राजस्व विभाग के भृष्ट अधिकारियों, व कर्मचारियों, की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। अब देखना ये है कि ईमानदार छवि के जिलाधिकारी द्वारा इन भृष्ट कर्मचारियों और भूमाफिया रामेश्वरम कालोनी के साझेदार यासीन कादिरी पर कब तक कार्यवाही की जाती है।