एसएस हॉस्पिटल एक बार फिर अपने ही अस्पताल की महिला चिकित्सक के कारण हुआ शर्मसार।
मोहित कुमार@express views

पीलीभीत।शहर का प्रतिष्ठित एसएस हॉस्पिटल एक बार फिर अपने ही अस्पताल की महिला चिकित्सक नेहा अग्रवाल के कारण शर्मसार हो गया है। बता दें पहले भी अस्पताल के स्वामी पर खून के काले कारोबार और मरीज को मौत की नींद सुलाने के आरोप लग चुके हैं।

मानवता की हदें पार कर चुके एस एस हॉस्पिटल की सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत करते हुए न्यूरिया कस्बा निवासी जावेद रज़ा पुत्र अब्दुल बशीर ने कहा है कि उसकी पत्नी साहिबा का गर्भ धारण करने के बाद से एसएस हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक नेहा अग्रवाल की देख-रेख में इलाज चल रहा था। 5 जून को प्रसव पीड़ा होने पर जावेद अपनी पत्नी को लेकर एसएस हॉस्पिटल पहुंचा और डॉ.नेहा अग्रवाल को दिखाया।डॉ.नेहा अग्रवाल ने अल्ट्रासाउंड कराने का परामर्श दिया। डॉ.के निर्देशानुसार जावेद अपनी पत्नी साहिबा को लेकर डॉ. के.एन तिवारी के वैभव डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचा। अल्ट्रासाउंड कराकर जावेद अपनी पत्नी सहित पुनः डॉ.नेहा अग्रवाल के पास आया और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाई।


शिकायत में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि डॉ. नेहा अग्रवाल ने अनुचित धन लाभ कमाने के उद्देश्य से उसे भयभीत करते हुए कहा कि गर्भस्थ शिशु के मुंह में गर्भवती के पेट का गन्दा पानी जा रहा है , जिससे शिशु की जान को खतरा है। बच्चे की जान बचाने के लिए शीघ्र ही गर्भवती का ऑपरेशन करना पड़ेगा। डॉ.नेहा अग्रवाल का परामर्श सुनकर गर्भवती साहिबा का पति जावेद अफसोस में पड़ गया और सोचने लगा कि गर्भ धारण के बाद से लगातार 15 दिनों के अंतराल से साहिबा का चेकअप डॉ. नेहा अग्रवाल से ही कराता चला आ रहा है और डॉ. जच्चा-बच्चा को लगातार स्वस्थ्य बताती रही। अचानक इतनी गंभीर समस्या कैसे उत्पन्न हो गई।
डॉ.नेहा की बात पर यकीन न करके गर्भवती साहिबा के पति जावेद ने अपने परिजनों को फोन कर डॉ.नेहा द्वारा दिये गए परामर्श की सूचना दी। परिजनों ने एसएस हॉस्पिटल से साहिबा को डिस्चार्ज कराकर एसआरएमएस भोजीपुरा के डॉक्टर्स को दिखाने की सलाह दी। शाम लगभग 6 बजे जावेद अपनी पत्नी साहिबा को एसआरएमएस हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। एसआरएमएस की महिला चिकित्सक शान्ती शाह ने प्रसव पीड़ा से गुजर रही साहिबा का परीक्षण किया और जावेद सहित उसकी पत्नी को सांत्वना देकर कहा कि डरने की कोई बात नही है।जच्चा-बच्चा एकदम स्वस्थ्य हैं और प्रसव साधारण रूप से ही हो जाएगा। यह सुनकर जावेद को खुशी का एहसास हुआ तो वहीं धन लोलुपता के कारण चिकित्सीय पेशे को बदनाम वाले डॉक्टरों का चेहरा भी भगवान नही बल्कि जल्लाद के रूप में नज़र आया।
वही डॉ.शान्ती शाह की बात सच हुई और 5 जून की रात 12 बजे साहिबा ने साधारण प्रसव के दौरान एक नवजात स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया। फिलहाल जावेद की सूझबूझ ने साहिबा को बचा लिया। धन के बल पर हर बार पुलिस और प्रशासन से बच निकलने बाले एसएस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के लिए मरीजों को बीमारी के नाम पर भयभीत कर उनसे आर्थिक लूट करना कोई नया प्रकरण नही है। इससे पहले भी कई और आरोप भी इस अस्पताल पर लग चुके हैं।
वहीं पीड़ित जावेद ने बताया कि वह सम्बन्धित मामले की शिकायत जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागीय अधिकारियों से करेगा और आरोपी महिला चिकित्सक के विरुद्ध अवश्य कार्यवाही कराएगा।