लाल खून के काले कारोबारी अस्पताल का एक और कारनामा, गलत इलाज से मरीज की मौत का लगा आरोप

रिपोर्ट :विनय सक्सेना, मोहित कुमार
पीलीभीत : शहर में लगातार हॉस्पिटल, नर्सिंगहोम में हो रही मौतों को देखकर भी चिकित्सा अधिकारी मौन व् मूक दर्शक बने हुए हैं. अपनी संवेदनाओं को खो चुके डॉक्टरों ने मरीजों को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया है.
आपको बता दे, माधोटांडा थाना क्षेत्र के गाओं कट पूर निवासी बाबा सिंह 30 अक्टूबर 2019 को स्वास्थ्य ख़राब होने पर अपने पुत्र परमजीत सिंह को गाँधी स्टेडियम रोड स्थित SS हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रांजल अग्रवाल के पास चेकअप करवाने आये जहाँ डॉक्टर प्रांजल ने उनको पर्चे पर कुछ दवाइयां लिखकर दें और अगले दिन पुनः खून की जांच करवा कर दिखाने की सलाह दी..और अगले ही दिन रिपोर्ट रिपोर्ट देखने के बाद pranjal डॉक्टर प्रांजल ने परामजीत को डेंगू रोग होने की पुष्टि करते हुए अस्पताल में भर्ती होने का दवाव बनाया लेकिन परमजीत ने इसके लिए मन कर दिया. 1 नवंबर की सुबह परमजीत को खून की उलटी होने पर उसके परिजन SS हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. परमजीत के भाई तस्वीर सिंह ने आरोप लगाया कि सुबह 6 बजे उसने अपने भाई को भर्ती करवाया किन्तु 12:00 बजे तक डॉक्टर प्रांजल उनके भाई को देखने भी नहीं आये बल्कि उनके अनट्रेंड स्टाफ द्वारा मरीज का इलाज किया जाता रहा. परिजनों का आरोप है कि स्टाफ ने डॉक्टर के कहने पर उनसे डेढ़ लाख रुपये भी तुरंत ले लिए जिसकी रसीद बाद में देने को कहा .
12:00 बजे के बाद डॉक्टर प्रांजल जब मरीज़ को देखने पहुंचे तब तक मरीज की हालत उनके स्टाफ द्वारा दी गई हाई पावर की रोग प्रतिरोधक दवाओं के कारन और ज्यादा ख़राब हो चुकी थी. मरीज की हालत बिगड़ती देख डॉक्टर ने उसको किसी हायर सेंटर पर दिखाने की बात की और उसको रेफेर कर दिया बाद में जब मरीज के परिजन बरेली मेडिसिटी में मरीज परमजीत सिंह को उपचार के लिए ले गए तब उपचार के दौरान ही परमजीत सिंह की मृत्यु हो गई परिजनों का आरोप है की डॉक्टर प्रांजल की लापरवाही के कारन ही परमजीत सिंह की मृत्यु हुई है, आपको बता दें 14 जुलाई 2017 को इसी अस्पताल के डॉक्टर SK अग्रवाल (शिवकुमार अग्रवाल ) पर खून के अवैध कारोबार का मुकदमा दर्ज है .इतना सब कुछ होने पर भी IMA संस्था इन डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही बल्कि उनको बचने के लिए प्रशासन पर ही दवाव बना रही है.
आखिर अस्पताल , व् नर्सिंग होम के द्वारा चल रहा मरीजों के साथ जान से खिलवाड़ करने का खेल कब तक चलेगा. .