मोहित ‘मासूम’@express views
लखनऊ : किसानों की केंद्र सरकार से 4 जनवरी को होने वाली वार्ता के मद्देनजर योगी सरकार अलर्ट हो गई है। कानून व्यवस्था को लेकर यूपी में सीनियर पुलिस अफसर नजर बनाए रखें , इसके लिए 17 जिलों की कमान सीनियर पुलिस अधिकारियों को सौप दी गई है। सरकार को आशंका है कि अगर वार्ता विफल हुई तो उस किसान हंगामा वगैरह कर सकते हैं। इसको लेकर पुलिस को अलर्ट रहने एवम् सतर्क रहने के आदेश सरकार की ओर से दिये गये है।
दिल्ली की आसपास की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। सोमवार को फिर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होनी है। इसको लेकर यूपी सरकार भी अलर्ट हो गई है। राज्य के 17 जिलों में यूपी पुलिस के सीनियर अफसरों को कमान सौपी गई है।किसान आंदोलन के चलते पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को पश्चिमी यूपी के जिलों में निगरानी के लिए तैनात कर दिया गया है।
दरअसल, 4 जनवरी को केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच एक बार फिर से वार्ता होनी है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग और डीजीपी ने कानून व्यवस्था को लेकर तमाम गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगाई है। बीते 38 दिनों से देश के यूपी समेत अन्य राज्यों से किसान संगठन दिल्ली के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
● किन वरिष्ठ अफसरों को इन 17 जिलों में किया गया है तैनात।
डीजीपी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन के चलते वरिष्ठ पुलिस अफसरों में आईजी एवं डीआईजी रेंज के अफसरों को मैदान में उतारा गया हैं। 17 जिलों में भेजे गए सीनियर पुलिस अफसरों में मुरादाबाद में एडीजी राजीव कृष्ण, लखीमपुर खीरी में आईजी लक्ष्मी सिंह, पीलीभीत में आईजी राजेश पांडे, शाहजहांपुर में डीआईजी शलभ माथुर, बिजनौर में डीआईजी अखिलेश मीणा समेत सीनियर पुलिस अधिकारियों की ड्यूट ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा गाजियाबाद आईजी रेंज मेरठ व मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, सहारनपुर जिलों में भी सीनियर पुलिस अफसरों को तैनात किया गया है।
● खुफिया विभाग के इनपुट के अनुसार इस बार बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं किसान संगठन।
उत्तर प्रदेश की खुफिया एजेंसी को सूचना मिली है कि 4 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच होने वाली वार्ता में अगर मांगे स्वीकार नही की गई तो किसान संगठन प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुफिया एजेंसियों की मिली सूचना के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया ने सीनियर अफसरों की तैनाती कर जिलों में हो रही गतिविधियां व किसान संगठनों से वार्ताकार फीडबैक लेने के निर्देश दिए गए हैं। किसान संगठनों के द्वारा आयोजित होने वाली छोटी से लेकर बड़ी सभाओं पर नजर रखने साथ ही उनके द्वारा आगे की रणनीति का पता लगाने का प्रयास करने का निर्देश जारी किया गया है ,ताकि किसान द्वारा आंदोलन के उग्र रूप होने पर उसे होने वाली क्षति से आम जनता को बचाया जा सके एवं कानून व्यवस्था बनी रहे। क्योकि हरियाणा के किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर वार्ता विफल होगी तो वह माल और अन्य बड़े प्रतिष्ठानों पर ताला लगा देंगे।